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लाल किताब,शनि एवं वास्तु विचार...

लाल किताब में वास्तु अर्थात भवन या मकान का कारण ग्रह शनि है |किसी कि जन्कुंडली में शनि उच्च का हो तों उसे भवन सुख मिलता है |इसके विपरीत शनि,नीच,अस्त या श्रीण शत्रु ग्रहों से युक्त हो तों जातक को मकान सुख से वंचित रखता है |किसी भी जन्कुंडली में भारतीय ज्योतिषानुसार चतुर्थ स्थान मकान कारक माना  गया है |लेकिन लाल किताब में मकान का कारक द्रितीय स्थान या दूसरे घर को माना  गया है |सांतवे भाव से भवन के सुख दुःख का विचार किया जाता है |
मनुष्य पर ग्रहों का शुभाशुभ प्रभाव पड़ता है और लाल किताब में ग्रहों को जजों कि संज्ञा दी गयी है |इसमें भी शनि को मुख्य न्यायाधीश माना गया है |अत शनि का भावानुसार शुभाशुभ फल प्रथम बतलाय जा रहे हैं |किसी भी व्यक्ति द्वारा जब स्वयम का मकान बनाया जाता है तों मकान बनाने के प्रारंभिक ३ से १८ वर्षों के दौरान शनि का उस भवन पर शुभाशुभ प्रभाव पड़ता है,जिससे व्यक्ति का जीवन भी प्रभावित होता है |


  • लाल किताब के अनुसार जन्कुंडली में यदि शनि पहले घर में हो और सांत्व व दसवां घर खाली हो तों शुभ फलों कि प्राप्ति होती है |वरना वः लोगों का ॠणी हो जाता है |
  • यदि शनि दूसरे स्थान में हो तों व्यक्ति मकान का निर्माण मध्य में न रोकें |ऐसा करने से वो सुखी रहेगा वरना उप परिणाम भुगतने पढ सकते हैं |
  • यदि शनि तीसरे घर में हो तों व्यक्ति मकान बना लेने के बाद तीन कुत्ते पाले |ऐसा करने से व्यक्ति सुखी रहेगा वरना दुःख भोगने होंगे |
  • यदि शनि चौथे घर में हो तों व्यक्ति किराए के मकान में रह ले,व्ही अच्छा है|क्यूंकि निजी मकान बनवाने से सास,माँ,मामा,दादी आदि को कष्ट उठाने होंगे |
  • यदि शनि पांचवे घर में हो और व्यक्ति निजी मकान बनवाय तों संतान को पीड़ा रहेगी |इसके विपरीत यदि संतान्द्वारा निर्मित मकान में रहे तों ठीक रहेगा |व्यक्ति स्वयम का मकान यदि बनवाय तों ४८ कि उम्र पार करके ही बनवाए |मकान बनवाने से पहले खुदाई के समय या उससे पहले पूजन करके छोड़ दे इसे अशुभ फल नष्ट हो जायेंगे |
  • यदि शनि छठे घर में हो तों व्यक्ति ३६ से ३९ कि उम्र होने पर ही मकान बनवाए अन्यथा बेटी कि ससुराल में परेशानी उत्पन्न हो जायेगी |
  • यदि शनि सांतवे घर में हो तों व्यक्ति मकान बनवाने पर सुखी रहता है |तथा वह एक के बाद एक मकान बनाता रहता है |या बना हुआ ही खरीदता रहता है |ऐसा तभी होता है जब शनि शुभ हो |वरना अपना भी मकान बेचना पड़ता है |
  • यदि शनि आठवे घर में हो व्यक्ति मकान बनाने लगे तों उसे कई समस्यायों का सामना करना पड़ता है|वह कष्ट में रहता है |लेकिन अगर राहू-केतु शुभ हों तों अच्छे फल भी मिलते है |
  • यदि शनि नवें घर में हो तों व्यक्ति मकान बनाना तब प्रारंभ करे जब घर में कोई स्त्री गर्भ से हो|ऐसा व्यक्ति मकान निर्माण में अपना पैसा लगायेगा तों पिता कि मौत देखेगा |इसका हल है कि अपना पैसा ॠण चुकाने में ही प्रयोग करे |मकान एक या दो ही बनाए |
  • यदि शनि दसवें घर में हो और उसे अपना मकान बनाकर रहे तों उसे सुख प्राप्त नहीं होता |अपने मकान में जाते ही वह दरिद्र हो जाता है|इससे अच्छा यही है कि वह किराए के मकान में रहे |
  • यदि शनि ग्यारहवें घर में हों तों व्यक्ति बुदापे में मकान बनवाता है |
  • यदि शनि बारहवें घर में हो तों व्यक्ति को आयातकार मकान बनवाना शुभ रहेगा |मकान बनवाते समय अनेक दीक्क्तों का सामना करना पड़ता है |अत:धीरे-धीरे बनवाने में ही फायदा है |लें बनवाता रहे |निर्माण कार्य रोके नहीं |

मकान के दरवाजे का फल:

  • पूर्व दिशा :यदि मकान का दरवाजा पूर्व दिशा में हो तों शुभ रहता है |ऐसे घर में विशवास पात्रों का आगमन होता रहता है |पश्चिम दिशा में ठीक सामने दरवाजा रखें |
  • उत्तर दिशा:यदि मकान का दरवाजा उत्तर दिशा में है तों यात्राएं लंबी होती है और फलदायी होती है |वचार भी आध्यात्मिक व पवित्र होते है |
  • पश्चिम दिशा:यदि मकान का दरवाजा पश्चिम दिशा में है तों भी शुभफल देने वाला होता है व्यक्ति धीरे धीरे आगे बड़ता है |परन्तु खतरा नही रहता है |
  • दक्षिण दिशा :यदि मकान का दरवाजा दक्षिण दिशा में हो तों यह अशुभ होता है |उस घर का मालिक खुद भी दुखी रहता है और उस घर में रहने वाली औरतें भी दुखी रहती हैं |दक्षिण दिशा के दरवाजे वाले मकान में कायदे क़ानून के विरुद्ध कार्यों का दब दबा रहता है |ऐसे मकान के अशुभ प्रभाव को खतम कर शुभ में बदलने के लिए दान में बकरी देनी चाहिए |और बुध ग्रह कि चीज़े और साबुत मुंग,मुंग छिलका,टोपी,बक्सा,मिटटी के बर्तन भी दान में देने चाहिए |

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

लाल किताबअनुसार जो मकान पुष्य नक्षत्र से बनना शुरू होकर पूरा भी इसी नक्षत्र में हो तों अति शुभ होता है |लेकिन शुभ समय में वास्तु पूजन अवश्य करवाना चाहिए|
मकान के दायीं और अंधी कोठरी बनवाएं अर्थात प्रकाश कि व्यवस्था वहाँ न करें|दरवाजे का प्रकाश व हवा ही ठीक है |इससे ज्यादा प्रकाश तबाही का कारण होता है |
लाल किताब के अनुसार उत्तर-पूर्व दिशा में चाँद  का स्थान होता है|अत:वहाँ भारी सामान रखने से अहुभ फल मिलता है |
किसी भी मकानमें दक्षिण कि दीवार कि और एक कटोरी में दिन,कपूर व घी रखें जिससे धन व स्त्री धन महत्वपूर्ण रहेगा |






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